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Happy Dhanteras | धन तेरस की हार्दिक शुभकामनाए 4.71/5 (7)

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अक्तूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। धनतेरस के दिन सोने,चांदी के आभूषण और धातु के बर्तन खरीदने की परंपरा है। कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है। 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि का शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म होगी। आज त्रिपुष्कर योग बन है। धनतेरस की शाम को भगवान धन्वंतरि और दीपदान भी किया जाएगा 

धनतेरस पूजा पर जरूर करें ये आरती

ॐ जय धन्वन्तरि देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि जी देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।

स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।

स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।

स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।

स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।

स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।

स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।

स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

धनतेरस पर पूजा के समय जपें भगवान धन्वंतरि का पूजा मंत्र 

 नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

धनतेरस के दिन धनवंतरि स्तोत्र का करें पाठ

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई का भोग लगाएं। और पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें। इसके बाद "धन्वंतरि स्तोत्र" का पाठ करें। धन्वंतरि स्त्रोत्र इस प्रकार है-

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥ 

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

धनतेरस पर जरूर करें माता लक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,तुम ही जग माता ।

सूर्य चद्रंमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

दुर्गा रुप निरंजनि,सुख-संपत्ति दाता ।

जो कोई तुमको ध्याता,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम ही पाताल निवासनी,तुम ही शुभदाता ।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,भव निधि की त्राता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

जिस घर तुम रहती हो,ताँहि में हैं सद्गुण आता ।

सब सभंव हो जाता,मन नहीं घबराता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

 

तुम बिन यज्ञ ना होता,वस्त्र न कोई पाता ।

खान पान का वैभव,सब तुमसे आता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

 

शुभ गुण मंदिर सुंदर,क्षीरोदधि जाता ।

रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

 

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता ।

उर आंनद समाता,पाप उतर जाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

 

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥  

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥                                                                                       

आपके शहर में धनतेरस पूजा के शुभ मुहूर्त

हैदराबाद: सायं 07:14 से रात 08:18 तक

अहमदाबाद: सायं 07:29 से रात 08:39 तक

बेंगलूरु: सायं 07:24 से रात 08:24 तक 

मुम्बई: सायं 07:34 से रात 08:40 तक 

मेरठ: सायं 06:58 से रात 08:15 तक

नोएडा:सायं 06:58 से रात 08:15 तक

दिल्ली:सायं 06:58 से रात 08:15 तक

गाजियाबाद: सायं 06:58 से रात 08:15 तक

लखनऊ: सायं 06:55 से रात 08:18 तक 

कानपुर: सायं 06:55 से रात 08:18 तक 

प्रयागराज: सायं 06:55 से रात 08:18 तक 

 

04:48 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस 2022 आज रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त

लाभ-उन्नति: शाम 05:45 बजे से शाम 07:20 बजे तक

शुभ-उत्तम: रात 08:55 बजे से रात 10:30 बजे तक

अमृत-सर्वोत्तम: रात 10:30 बजे रात 12:06 बजे तक

चर-सामान्य: रात 12:06 बजे से देर रात 01:41 बजे तक

लाभ-उन्नति: अगली सुबह 04:51 बजे से सुबह 06:27 बजे तक

04:32 PM, 22-OCT-2022

कुबेर मंत्र – श्रीं, ॐ हीं श्रीं, हीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:

अष्टाक्षर मंत्र- ॐ वैश्रवणाय स्वाहा:

पंच त्रिंशदक्षर मंत्र- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धि देहि मे दापय दापय स्वाहा

विनियोग- अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:वृहती छन्द शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थ जपे विनियोग:।

मनुजवाहा विमानवरस्थितं गुरूडरत्नानिभं निधिनाकम्। शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गत॑ भजतांदलम्।।

 

04:20 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर सुनें ये कथा, 13 गुना बढ़ेगा धन    

धनतेरस से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी गोलोक में भ्रमण के लिए निकले। श्रीहरी ने दक्षिण दिशा में जाने की इच्छा जताई तो वह लक्ष्मी जी को उचित स्थान पर बैठकर स्वयं दक्षिण दिशा की ओर चल पड़े। लेकिन माता लक्ष्मी नहीं मानी और वह उनके पीछे चल पड़ीं। माता लक्ष्मी ने एक स्थान पर पहुंचकर एक किसान के खेत से फूल लेकर श्रृंगार किया और इसके साथ ही गन्ने के रस का रसपान किया। जैसे ही श्री हरि विष्णु ने उन्हें देखा तो वह क्रोधित हो गए और आवेश में आकर उन्होंने मां लक्ष्मी को श्राप दिया कि वह 12 वर्ष तक किसान की सेवा करेंगी। इसके बाद देवई लक्ष्मी ने 12 वर्ष तक किसान की सेवा की। 12 साल बाद जब विष्णु जी माता लक्ष्मी को लेने आए तब माता ने किसान से कहा कि त्रयोदशी की रात में घी का दीपक जलाकर तांबे के कलश में रुपए और पैसे भरकर मेरी पूजा करें। ऐसा करने से पूरे वर्ष मैं यहीं रहूंगी। मान्यता है कि तभी से धनतेरस का पर मनाया जाता है। 

04:00 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर भूलकर भी न करें ये काम 

धनतेरस पर जितना हो सके निवेश करें, खर्च करने से बचें। 

धनतेरस पर गलती से भी किसी को उधार न दें। 

धनतेरस पर मुहूर्त के हिसाब से ही खरीदारी करें। 

कभी लोहे का कोई भी सामान धनतेरस पर न खरीदें। 

जब भी कोई बर्तन लें तो उसे घर के अंदर खाली न लाएं बल्कि उसमें पानी या चावल भर लें। 

धनतेरस के दिन मुख्य द्वार पर गंदगी बिल्कुल भी न रखें।               

03:43 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर लक्ष्मी मां की कमल पर बैठी तस्वीर लगाएं 

धनतेरस पर अपने घर या दुकान की तिजोरी या गल्ले पर लक्ष्मीजी का ऐसा चित्र लगाना चाहिए, जिसमें मां लक्ष्मी कमल पर धनवर्षा की मुद्रा में बैठी हुईं हो और दो हाथी सूंड उठाए नजर आ रहे हों।ऐसा करने पर हमेशा तिजोरी में मां लक्ष्मी का वास होता है।

 

03:28 PM, 22-OCT-2022

सुख-समृद्धि के लिए धनतेरस पर करें ये उपाय

धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की प्रथा है,यदि संभव न हो तो कोई बर्तन खरीदें। मान्यता के अनुसार यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो मन को संतोष और शीतलता प्रदान करता है।

02:55 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस के पांच उपाय जो आपको बनाएंगे धनवान

ऐसी मान्यता है कि धनतेरस पर जो भी चीजें खरीदी जाती है उसमें सालभर में तेरह गुने की वृद्धि हो जाती है। धनतेरस पर सोना-चांदी के सिक्के और आभूषण खरीदने पर घर पर सुख-समृद्धि,आरोग्यता और मां लक्ष्मी का वास होता है। शास्त्रों के अनुसार धनतेरस पर खरीदारी करने के अलावा कुछ उपाय करने पर धन-दौलत की कमी नहीं रहती है।

 

- धनतेरस पर मुख्य द्वार पर बंधनवार लगाएं

- तुलसी का पौधा लगाएं

- मुख्य द्वार पर घी का दीया जलाएं

- मां लक्ष्मी की चरण लगाएं

- प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक का निशान लगाएं।

 

02:30 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर बना शुभ योग

दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश,मां सरस्वती और अपने कुल देवता का मूर्ति को बाजार से खरीदा जाता है फिर दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है। इसके अलावा धनतेरस पर सोना,चांदी, जमीन, मकान, बर्तन और अन्य तरह की चीजों की खरीदारी होती है। इस बार धनतेरस पर पुष्य नक्षत्र के साथ कई तरह के अन्य योग भी बना रहा है जिसके कारण धनतेरस खास होगा। इस बार धनतेरस पर इंद्र योग, त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है।

02:15 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस 2022 की तिथि और मुहूर्त 

पंचांग में भेद के कारण और त्रयोदशी तिथि 22 और 23 अक्तूबर दो दिन रहने के कारण इस बार धनतेरस का त्योहार दो दिन बनाया जा रहा है। उदयातिथि के अनुसार धनतरेस 23 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। 23 अक्तूबर को धनतेरस की खरीदारी के लिए पूरा दिन मिलेगा। इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस की शुरुआत 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 03 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 23 अक्टूबर,रविवार के दिन शाम 06 बजकर 02 मिनट पर होगी। आइए जानते है धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त.. 

 

धनतेरस मुहूर्त: शाम 05 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

 

 

01:53 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर बर्तन खरीदने की मान्यताएं

मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर सोना-चांदी और पीतल के बर्तन खरीदने से जीवन में कभी सुख और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती।

 

01:43 PM, 22-OCT-2022

मां लक्ष्मी और कुबेर पूजन विधि

मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजन के बाद रात को केसर या हल्दी से रंगे हुए 21 चावल के साबुत दाने लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या पैसे रखने वाली जगह पर रखना चाहिए,ऐसा करने से समृद्धि आती है।

01:25 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस उपाय-भय दूर करने के लिए

अगर आपको किसी भी प्रकार का भय रहता है या फिर आप अपने शत्रुओं से परेशान हैं तो आप धनतेरस के दिन हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। और ग्यारह पीपल के पत्तो पर श्री राम लिखकर उसकी माला बनाकर चढ़ाए और वही बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करे,लाभ होगा।

01:08 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर करें भगवान कुबेर की पूजा

धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा की जाती है और उनकी दिशा उत्तर मानी गई है। इसलिए आज के दिन नकदी उत्तर दिशा में ही रखें, ऐसा करने से आपको धनलाभ होगा।

 

12:33 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती है झाड़ू ?

इस बार धनतेरस का त्योहार दो दिन मनाया जा रहा है। 22 अक्तूबर को शाम 6 बजे त्रयोदशी तिथि लग जाएगी और फिर प्रदोष काल मुहूर्त में पूजा और खरीदारी हो सकेगी। वहीं उदया तिथि के आधार पर 23 अक्तूबर 2022 धनतेरस मनाया जाएगा। धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्के और आभूषणों की खरीदारी की जाती है। इसके अलावा धनतेरस पर मां लक्ष्मी की सबसे प्रिय चीज झाड़ू भी खरीदी जाती है। माता लक्ष्मी को साफ-सफाई और सुंदरता बहुत ही प्रिय होती है। जहां साफ-सफाई और सजावट होती है वहां पर मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए धनतेरस पर झाड़ू खरीदी जाती है। वास्तुशास्त्र में झाड़ू को लक्ष्मीजी का प्रतीक माना गया है। इसलिए यदि झाड़ू को ठीक ढंग से न रखा जाए तो इसका दुष्प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है।

 

यह भी पढ़ें-

Dhanteras 2022 Date: धनतेरस कब मनाएं 22 या 23 अक्तूबर ? शुभ खरीदारी के लिए त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग

धनतेरस के दिन लोहे से निर्मित वस्तुओं को खरीदना अशुभ माना गया है। चाकू या कांटा जैसे वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। इन्हें धनतेरस पर खरीदने से संकट और परेशानी का योग बन सकता है।

कांच पर राहु का प्रभाव माना गया है इसलिए इस दिन कांच का सामान नहीं खरीदना चाहिए।

कला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है इसलिए इस दिन काले वस्त्र लेने और पहनने से बचें।

खाली बर्तन खरीदकर घर में नहीं रखने चाहिए इससे दरिद्रता आती है। उसमें पहले जल या धान भरकर रखना उचित होगा।

कुछ लोग धातु के नकली आभूषण खरीद लेते हैं।आज के दिन यह खरीदना सही नहीं है।

12:00 PM, 22-OCT-2022

धनतेरस उपाय

धनतेरस के दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए आपको मां लक्ष्मी के श्रीयंत्र को स्थापित करके उसकी पूजा करनी चाहिए, दिवाली तक पूजा करने के उपरांत आप इसे घर या ऑफिस की उत्तर दिशा में रख दें या दीवार पर लगा दें। ऐसा करने से आपको मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।

 

11:55 AM, 22-OCT-2022

धनतेरस पर शुभ कार्य करने और नई चीजों की खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है। तुला, वृश्चिक और धनु राशि वाले सजावटी चीजें, कपड़े, पीतल के बर्तन,मकान और रत्न खरीद सकते हैं।

 

11:44 AM, 22-OCT-2022

कर्क, सिंह और कन्या राशि वाले क्या खरीदें

जो लोग कर्क, सिंह और कन्या राशि वाले हैं वे आज धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्के,नया वाहन, बर्तन,फर्नीचर, घर और इलेक्ट्रानिक्स चीजें खरीद सकते हैं।

 

 

धनतेरस पर इस उपाय को करने पर होगी धन वर्षा

धनतेरस पर अपने घर या दुकान की तिजोरी या गल्ले पर लक्ष्मीजी का ऐसा चित्र लगाना चाहिए। जिसमें मां लक्ष्मी कमल पर धनवर्षा की मुद्रा में बैठी हुईं हो और दो हाथी सूंड उठाए नजर आ रहे हों।ऐसा करने पर हमेशा तिजोरी में मां लक्ष्मी का वास होता है।

धनतेरस के उपाय

धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा की जाती है और उनकी दिशा उत्तर मानी गई है। इसलिए आज के दिन नकदी उत्तर दिशा में ही रखें, ऐसा करने से आपको धनलाभ होगा।

धनतेरस के उपाय

धनतेरस के दिन कुछ उपाय करके आप धन प्राप्ति के साथ-साथ अपनी अन्य समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं।

 

उपाय-1 परिवार में दीर्घायु एवं आरोग्यता बनी रहे इसके लिए इस दिन पूजा के दौरान 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः' मंत्र का उच्चारण करें।

 आज धनतेरस पर कौन-कौन सा योग

त्रिपुष्कर योग: आज दोपहर 01:50 बजे से शाम 06:02 बजे तक

ब्रह्म योग: आज सुबह से शाम 05:13 बजे तक

इंद्र योग: आज शाम 05:13 बजे से कल शाम 04:07 बजे तक

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 01:58 बजे से दोपहर 02:44 बजे तक

धनतेरस 2022 खरीदारी का शुभ समय

हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस मनाई जाती है। त्रयोदशी के दिन ही आयुर्वेद के देवता धनवंतरि की जयंती मनाई जाती है। धनतेरस पर पूजा-पाठ के अलावा शुभ वस्तुओं की खरीदारी का भी विधान है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार आज शाम 07 बजकर 03 मिनट से रात 10 बजकर 39 मिनट तक धनतेरस की शुभ खरीदारी करने का मुहूर्त रहेगा।

आज कब करें भगवान धन्वंतरि की पूजा

धनतेरस 2022 पूजा का शुभ मुहूर्त- 22 अक्त

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः.

सूक्ष्मस्वच्छाति हृद्यांशुक परिविलसन्मौलि मंभोजनेत्रम ||

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारू पीतांबराढ्यम.

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिल गदवन प्रौढदावाग्नि लीलम ||

ॐ धन्वंतराय नमः ||

 

आरोग्य प्राप्ति हेतु धन्वंतरि देव का पौराणिक मंत्र

 

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ||

 शुभ धनतेरस 2022 तिथि

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ (22 अक्तूबर 2022): आज शाम 06 बजकर 02 मिनट से

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन (23 अक्तूबर2022): कल शाम 06 बजकर 03 मिनट पर

 आज इस समय भूलकर भी न करें धनतेरस की शुभ खरीदारी

धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है। धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए खरीदारी करने से वर्ष भर तेरह गुने की वृद्धि होती है। लेकिन धनतरेस के दिन राहुकाल के दौरान खरीदारी करने से बचना चाहिए। शास्त्रों में राहुकाल को शुभ नहीं माना जाता है। 22 अक्तूबर को राहुकाल सुबह 09 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस समय कोई भी शुभ कार्य और खरीदारी न करें।

धन त्रयोदशी तिथि और शुभ खरीदारी मुहूर्त 

इस बार धनतेरस का शुभ त्योहार 22 और 23 अक्तूबर दो दिन मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष का त्रयोदशी तिथि पर मनाई जाती है। पंचांग गणना के अनुसार धनतेरस यानी कि कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है। 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि का शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म हो जाएगी। धनतेरस पर पूजा-पाठ के अलावा शुभ वस्तुओं की खरीदारी का भी विधान है। ऐसे में दोनों दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।

धनतेरस पर क्यों खरीदे जाते हैं बर्तन और सोने-चांदी के आभूषण

धनतेरस का त्योहार सुख-समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक है। धनतेरस पर शुभ खरीदारी का विशेष महत्व होता है। धनतेरस पर मां लक्ष्मी, धन के देवता भगवान कुबेर, भगवान गणेश और यम की पूजा व दीपदान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी धनतेरस पर किसी तरह का शुभ कार्य या खरीदारी करता है उसको उस काम में अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है। धनतेरस पर पीतल के बर्तन और सोने-चांदी की की चीजें खरीदी जाती है। मान्यता है धन तेरस पर आर्युवेद का जनक भगवान धन्वंतरि हाथों में अमृत कलश लेकर प्रगट हुए थे। धनतेरस पर खरीदारी करने पर इसमें तेरह गुने की वृद्धि होती है।

क्यों मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान श्रीविष्णु के अंशावतार के रूप में भगवान धन्वंतरि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को सांयकाल में अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। तभी से इस तिथि को इन्हीं के नाम धनत्रयोदशी से जाना जाता है। ये पर्व प्रदोषव्यापिनी तिथि में मनाने का विधान है। धनतेरस के दिन से ही दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है। इसी दिन से देवी-देवताओं की पूजा विधि-विधान से करने से घर में सुख,शांति,तरक्की और संपन्नता आती है। धनतेरस भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ धन-धान्य की वर्षा करने वाला त्योहार है। 

आज से दीपोत्सव महापर्व शुरू

आज धनतेरस है और इसी दिन से पांच दिनों तक चलने दीपोत्सव पर्व आरंभ हो चुका है। धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है। फिर इसके बाद छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस पर बर्तन और सोने-चांदी के आभूषण खरीदा जाता है। धनतेरस की शाम को यम दीपदान किया जाता है। 

Dhanteras 2022 Live Updates: धनतेरस पर बने शुभ संयोग आपको बनाएंगे मालामाल, जानें खरीदारी शुभ से दीपोत्सव पर्व शुरू हो चुके हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस बार धनतेरस 22 और 23 अक्तूबर दो दिन है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान हाथों में सोने के कलश के साथ प्रगट हुए थे। धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण और बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस से दिवाली का पांच दिनों का पर्व शुरु हो जाता है। धनतेरस पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। धनतेरस की शाम को घरों में दीए जलाए जाते हैं। मान्यता है कि जो भी धनतेरस के शुभ अवसर पर खरीदारी या निवेश करता है उसमें सालभर तेरह गुने की बढ़ोत्तरी होती है। धनतेरस के दिन शुभ खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है | 

 

 

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