
नोएडा में प्रदूषण - फोटो : अमर उजाला
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वहीं, जरूरी सेवाओं के अलावा सभी ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश निषेध है। सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को ही प्रवेश की अनुमति है। डीजल की केवल बीएस-6 श्रेणी की कारें चलेंगी। वहीं, सरकारी दफ्तर 50 फीसदी क्षमता पर चलेंगे। सरकार की सलाह है कि निजी दफ्तर भी इस नियम का पालन करें। पाबंदियों की निगरानी के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक हई। इसमें पर्यावरण से जुड़ी एजेंसियों के उच्च अधिकारी शामिल थे। इस दौरान वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली के मौजूदा हालात की समीक्षा की गई। वहीं, केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से बृहस्पतिवार को जारी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रैप)-4 के दिशा-निर्देशों पर चर्चा हुई। इसके बाद वायु प्रदूषण कम करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के लिए फैसले लिए गए।
गोपाल राय ने कहा कि निर्माण एवं विध्वसं कार्य पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन अभी तक कुछ श्रेणी के निर्माण एवं विध्वंस की गतिविधियों को छूट दी गई थी। अब सभी श्रेणी के कार्यों पर रोक लगा दी गई है। परिवहन विभाग, एमसीडी, निर्माण एजेंसियों, राजस्व, प्रदूषण नियंत्रण समिति तथा पर्यावरण विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। ग्रैप के नए प्रतिबंधों को दिल्ली में लागू करते हुए, आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों के अलावा अन्य डीजल वाहन दिल्ली में प्रतिबंधित होंगे। केवल सीएनजी, पेट्रोल एवं इलेक्ट्रिक वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश दिया जाएगा। दिल्ली में पंजीकृत आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़े डीजल के मध्यम और भारी वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा। डीजल इंजन के छोटे वाहन, जो कि बीएस-6 से नीचे हैं, वे भी प्रतिबंधित रहेंगे।
गोपाल राय ने कहा कि इन प्रतिबंधों की निगरानी के लिए परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में दो सदस्य परिवहन विभाग, दो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस तथा दो डीपीसीसी के होंगे। यह कमेटी सुनिश्चित करेगी कि इन प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन हो सके।
विस्तार
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का प्रकोप जारी है। तमाम एजेंसियां इस पर काबू पाने के लिए जुटी हुई हैं। इसी के मद्देनजर नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने शनिवार रात एडवाइजरी जारी कर सूचित किया है कि अगले आदेश तक गैर-जरूरी डीजल ट्रक व गैर बीएस 6 डीजल कारों को वाया नोएडा होते हुए दिल्ली में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।
वहीं, जरूरी सेवाओं के अलावा सभी ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश निषेध है। सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को ही प्रवेश की अनुमति है। डीजल की केवल बीएस-6 श्रेणी की कारें चलेंगी। वहीं, सरकारी दफ्तर 50 फीसदी क्षमता पर चलेंगे। सरकार की सलाह है कि निजी दफ्तर भी इस नियम का पालन करें। पाबंदियों की निगरानी के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक हई। इसमें पर्यावरण से जुड़ी एजेंसियों के उच्च अधिकारी शामिल थे। इस दौरान वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली के मौजूदा हालात की समीक्षा की गई। वहीं, केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से बृहस्पतिवार को जारी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(ग्रैप)-4 के दिशा-निर्देशों पर चर्चा हुई। इसके बाद वायु प्रदूषण कम करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के लिए फैसले लिए गए।
गोपाल राय ने कहा कि निर्माण एवं विध्वसं कार्य पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन अभी तक कुछ श्रेणी के निर्माण एवं विध्वंस की गतिविधियों को छूट दी गई थी। अब सभी श्रेणी के कार्यों पर रोक लगा दी गई है। परिवहन विभाग, एमसीडी, निर्माण एजेंसियों, राजस्व, प्रदूषण नियंत्रण समिति तथा पर्यावरण विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। ग्रैप के नए प्रतिबंधों को दिल्ली में लागू करते हुए, आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों के अलावा अन्य डीजल वाहन दिल्ली में प्रतिबंधित होंगे। केवल सीएनजी, पेट्रोल एवं इलेक्ट्रिक वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश दिया जाएगा। दिल्ली में पंजीकृत आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़े डीजल के मध्यम और भारी वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा। डीजल इंजन के छोटे वाहन, जो कि बीएस-6 से नीचे हैं, वे भी प्रतिबंधित रहेंगे।
गोपाल राय ने कहा कि इन प्रतिबंधों की निगरानी के लिए परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में दो सदस्य परिवहन विभाग, दो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस तथा दो डीपीसीसी के होंगे। यह कमेटी सुनिश्चित करेगी कि इन प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन हो सके।