
उपचुनाव में जीतने वाले प्रत्याशी। - फोटो : अमर उजाला
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तेलंगाना में टीआरएस उम्मीदवार आगे चल रहा है। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी बढ़त मिली है, जबकि कांग्रेस को दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। शिवसेना और आरजेडी अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे।
जिन सात सीटों पर उप चुनाव हुए हैं उनमें से चार सीटें विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई थीं। दो सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने की वजह से खाली हुईं। इस्तीफा देने वाले दोनों विधायक अब भाजपा में हैं। इनमें से एक को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया तो दूसरे के बेटे को उस सीट से भाजपा ने उतारा। एक सीट राजद विधायक को सजा होने के बाद उन्हें अयोग्य ठहराए जाने से खाली हुई थी।
इन सीटों पर हुए उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की गोला गोकर्णनाथ, बिहार की मोकामा और गोपालगंज, हरियाणा की आदमपुर, महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट, ओडिशा की धामनगर और तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर उपचुनाव हुए थे। इनमें गोला गोकर्णनाथ, गोपालगंज, धामनगर और आदमपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने चुनाव जीता है। वहीं, बिहार की मोकामा सीट पर आरजेडी, महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट पर शिवसेना उद्धव गुट के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर टीआरएस प्रत्याशी आगे हैं।
अब मिलिए चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों से
1. अमन गिरी : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पड़ने वाले गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अमन गिरी ने जीत हासिल की है। 26 साल के अमन पिता अरविंद गिरी के निधन के बाद ही ये सीट खाली हुई थी। अमन के पास कुल 5.02 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इनमें 11 लाख रुपये की चल और चार करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति शामिल है। अमन ने बीबीए करने के बाद हैदराबाद के आईसीएफएआई लॉ स्कूल से लॉ की पढ़ाई पूरी की है।
2. कुसुम देवी : बिहार के गोपालगंज सीट से भारतीय जनता पार्टी की कुसुम देवी ने जीत हासिल की है। ये सीट भाजपा विधायक सुभाष सिंह के निधन की वजह से खाली थी। इस सीट पर कुल नौ उम्मीदवार मैदान में थे। मुख्य मुकाबला भाजपा और राजद के बीच हुआ। भाजपा ने इस सीट से सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को उतारा था। सुभाष 2005 से लगातार चार बार यहां से विधायक चुने जा चुके थे। वहीं, राजद ने मोहन प्रसाद गुप्ता को टिकट दिया था। 62 साल की कुसुम के पास कुल तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। कुसुम केवल साक्षर हैं।
3. भव्य बिश्नोई : हरियाणा जिले के आदमपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने जीत हासिल की है। ये सीट भव्य के पिता कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। कुलदीप कांग्रेस से विधायक थे। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। उपचुनाव में इस सीट से भाजपा ने कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई को उम्मीदवार बनाया था। 29 साल के भव्य के पास 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। इनमें आठ करोड़ रुपये की चल और दो करोड़ रुपये से ज्यादा की अचल संपत्ति शामिल है। भव्य ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
ऋतुजा लटके : महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट सीट से शिवसेना उद्धव गुट की ऋतुजा लटके ने जीत हासिल की है। ये सीट शिवसेना के विधायक रहे रमेश लटके के निधन की वजह से खाली हुई थी। उपचुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने यहां से रमेश लटके की पत्नी ऋतुजा लटके को उम्मीदवार बनाया था। वहीं, रमेश के परिवार को सहानुभूति दिखाते हुए भाजपा, मनसे, कांग्रेस, एनसीपी जैसी बड़ी पार्टियों ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। इसके चलते मुकाबला एकतरफा हो गया। निर्दलीय और कुछ छोटे दलों से कुल सात उम्मीदवार मैदान में थे। जिन्हें ऋतुजा ने हराकर जीत हासिल कर ली। 45 साल की ऋतुजा के पास कुल 9.23 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसमें 69 लाख रुपये की चल और 8.54 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। ऋतुजा ने मुंबई यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई 1997 में पूरी की है।
नीलम देवी : बिहार के मोकामा सीट से आरजेडी की प्रत्याशी नीलम देवी की जीत हुई है। नीलम यहां से बाहुबली विधायक रहे अनंत सिंह की पत्नी है। अनंत सिंह को हाल ही में एक मामले में सजा मिली है। जिसके बाद उन्हें चुनाव आयोग ने अयोग्य ठहरा दिया था। इसके बाद ये सीट खाली हो गई थी। नीलम के पास कुल 17 लाख रुपये की संपत्ति है। 32 साल की नीलम आठवीं पास हैं।
सूर्यबंशी सूरज : ओडिशा के धामनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी के सूर्यबंशी सूरज ने जीत हासिल की है। ये सीट सूर्यबंशी के पिता विष्णु चरण सेठी के निधन की वजह से खाली हुई थी। उपचुनाव में भाजपा ने यहां से सेठी के बेटे सूर्यबंशी सूरज को उम्मीदवार बनाया था। सूरज ने इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड रिसर्च भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में भी काम किया। सूर्यबंशी भाजपा के एक्टिव नेता हैं। वह ओडिशा भाजपा के सोशल मीडिया कोआर्डिनेटर भी हैं।
विस्तार
छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं। अब तक छह सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। इनमें चार पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। एक पर आरजेडी और एक पर शिवसेना उद्धव गुट के उम्मीदवार की जीत हुई।तेलंगाना में टीआरएस उम्मीदवार आगे चल रहा है। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी बढ़त मिली है, जबकि कांग्रेस को दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। शिवसेना और आरजेडी अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे।
जिन सात सीटों पर उप चुनाव हुए हैं उनमें से चार सीटें विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई थीं। दो सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने की वजह से खाली हुईं। इस्तीफा देने वाले दोनों विधायक अब भाजपा में हैं। इनमें से एक को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया तो दूसरे के बेटे को उस सीट से भाजपा ने उतारा। एक सीट राजद विधायक को सजा होने के बाद उन्हें अयोग्य ठहराए जाने से खाली हुई थी।