
फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा। - फोटो : amar ujala
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
प्रियंका को 2016 में ‘ग्लोबल यूनिसेफ गुडविल एंबेसडर’ के रूप में नियुक्त किया गया। वह बच्चों के अधिकारों तथा लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मीडिया पैनल चर्चाओं में भी भाग लेती रहती हैं। वह भारत में जिन प्रमुख यूनिसेफ अभियानों से जुड़ी हुई हैं, उनका लक्ष्य किशोरियों और युवतियों को जीवन कौशल, उद्यम और नेटवर्किंग के कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें मजबूत बनाना है।
उन्होंने यूनिसेफ के अभियानों का प्रचार करने में भी मदद की है। इन अभियानों से वह अपने समर्थकों को देश भर में किशोरियों के अधिकारों की मांग करने के लिए प्रेरित करती हैं। विशेषकर उनके अधिकारों के लिए जो समाज के बहिष्कृत और अधिकारविहीन वर्गों से आती हैं।
उन्होंने ‘बच्चों के खिलाफ हिंसा’ अभियान से जुड़े ऑडियो-वीडियो में भी अपनी आवाज दी है, जिसका उद्देश्य बाल विवाह के साथ-साथ शारीरिक, भावनात्मक और यौन हिंसा के विभिन्न रूपों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
विस्तार
न किसी फिल्म का प्रमोशन न कोई शूटिंग, इस बार अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा नवाबों के शहर में सद्भावना का संदेश लेकर आईं हैं। यूनिसेफ की गुडविल एंबेसडर प्रियंका दो दिन तक लखनऊ में रहेंगी और कई सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करेंगी। सोमवार सुबह वह निगोहां के लालपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भ्रमण किया। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में उनके सहयोगी व सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे। प्रियंका चोपड़ा 1090 विमेन पावरलाइन, 181 वन स्टॉप सेंटर के साथ यूनिसेफ ऑफिस भी जाएंगी।
प्रियंका को 2016 में ‘ग्लोबल यूनिसेफ गुडविल एंबेसडर’ के रूप में नियुक्त किया गया। वह बच्चों के अधिकारों तथा लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मीडिया पैनल चर्चाओं में भी भाग लेती रहती हैं। वह भारत में जिन प्रमुख यूनिसेफ अभियानों से जुड़ी हुई हैं, उनका लक्ष्य किशोरियों और युवतियों को जीवन कौशल, उद्यम और नेटवर्किंग के कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें मजबूत बनाना है।
उन्होंने यूनिसेफ के अभियानों का प्रचार करने में भी मदद की है। इन अभियानों से वह अपने समर्थकों को देश भर में किशोरियों के अधिकारों की मांग करने के लिए प्रेरित करती हैं। विशेषकर उनके अधिकारों के लिए जो समाज के बहिष्कृत और अधिकारविहीन वर्गों से आती हैं।
उन्होंने ‘बच्चों के खिलाफ हिंसा’ अभियान से जुड़े ऑडियो-वीडियो में भी अपनी आवाज दी है, जिसका उद्देश्य बाल विवाह के साथ-साथ शारीरिक, भावनात्मक और यौन हिंसा के विभिन्न रूपों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।