गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि इस बार मॉनसून में भी ऑपरेशन जारी रहेगा। उन्होंने माओवादियों से आत्मसमर्पण की अपील की और चेतावनी दी – अब कोई बातचीत नहीं होगी।
🔰 भूमिका
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से लेकर झारखंड और ओडिशा तक फैले नक्सल प्रभावित इलाकों में अब सरकार ने निर्णायक मोर्चा खोल दिया है। भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ऐलान किया कि मॉनसून सीजन में भी नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा अभियान बिना रुके जारी रहेगा। यह पहली बार है जब सरकार ने वर्षा ऋतु में ऑपरेशन को न रोकने का फैसला लिया है, जो इस दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
📌 मुख्य बातें
✅ मॉनसून ऑपरेशन का ऐलान
- अब तक हर साल भारी बारिश के कारण नक्सल ऑपरेशन अस्थायी रूप से रोक दिए जाते थे।
- लेकिन इस बार अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि “बारिश कोई बाधा नहीं बनेगी, नक्सलियों को चैन से सोने नहीं देंगे।”
- सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद मुक्त बनाया जाए।
✅ आत्मसमर्पण की अंतिम चेतावनी
- अमित शाह ने कहा कि माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ें और आत्मसमर्पण करें।
- जो लोग सरेंडर करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से सभी पुनर्वास योजनाओं का लाभ मिलेगा।
- उन्होंने साफ कर दिया कि अब बातचीत का कोई सवाल नहीं उठता, केवल हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटना ही विकल्प है।
🧠 कानूनी व तकनीकी ढांचे को मजबूत करना
🧪 फॉरेंसिक साइंस को मिला नया आयाम
- नवा रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) का नया परिसर और सेंट्रल फॉरेंसिक लैब (CFSL) की स्थापना की गई।
- इससे वैज्ञानिक जांच को मजबूती मिलेगी और अपराधियों को सबूत के आधार पर जल्द सजा मिल सकेगी।
⚖️ नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन
- नए कानून जैसे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता लागू किए जाएंगे, जिससे जांच प्रक्रिया और न्याय प्रणाली को तेज़ व पारदर्शी बनाया जाएगा।
🛡️ सुरक्षा व्यवस्था में समन्वय
- छत्तीसगढ़ समेत सात राज्यों के डीजीपी और सीनियर अधिकारियों के साथ अमित शाह ने सुरक्षा समीक्षात्मक बैठक की।
- उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों और राज्य सरकारों के बीच पूर्ण समन्वय ज़रूरी है।
- साथ ही, वह नारायणपुर के BSF कैंप का दौरा कर रहे हैं जहां जवानों और स्थानीय लोगों से संवाद करेंगे।
📉 नक्सलवाद पर असर
🎯 ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट – निर्णायक मोड़
- अप्रैल–मई 2025 में चलाया गया ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट बेहद सफल रहा।
- इसमें 30 से अधिक नक्सलियों को मारा गया या गिरफ्तार किया गया, जिनमें कई शीर्ष नेता शामिल थे।
- इसे सरकार की रणनीति में एक बड़ा टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है।
🧩 मध्यप्रदेश का समर्थन
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
- उन्होंने केंद्र सरकार की नीति का समर्थन करते हुए कहा कि “माओवाद का अंत अब बहुत करीब है।”
📚 निष्कर्ष
अमित शाह की ‘मॉनसून ऑपरेशन’ नीति एक स्पष्ट संदेश देती है – अब नक्सलियों के लिए कोई सुरक्षित मौसम या स्थान नहीं बचा। सरकार ने साफ कर दिया है कि शांति का रास्ता केवल आत्मसमर्पण से होकर गुजरता है। फॉरेंसिक साइंस, कानूनी सुधार और सुरक्षाबलों के तालमेल के ज़रिए भारत जल्द ही नक्सलवाद मुक्त राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
🔍 नक्सलवाद पर सरकार की अब तक की रणनीति
भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई अहम रणनीतियाँ अपनाई हैं:
- सड़क और संचार नेटवर्क का विस्तार – ताकि सुरक्षा बलों की आवाजाही आसान हो और ग्रामीण विकास हो सके।
- ड्रोन और तकनीक का उपयोग – निगरानी और लक्षित कार्रवाई के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ा है।
- स्थानीय युवाओं की भर्ती – सीआरपीएफ और अन्य बलों में स्थानीय युवाओं को शामिल कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।
- शिक्षा व रोजगार पर फोकस – नक्सल प्रभावित जिलों में केंद्रीय योजनाओं के तहत स्किल डेवलपमेंट और स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
📣 आम जनता को क्या फायदा?
- सुरक्षा का माहौल बेहतर होने से स्कूल, अस्पताल और व्यवसायिक गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ेंगी।
- सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ अब अधिक लोगों तक पहुंचेगा क्योंकि क्षेत्र में प्रशासनिक पकड़ मजबूत होगी।
- निवेश और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा – जैसे बस्तर क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति के लिए जाना जाता है।
🧑💼 विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
सुरक्षा विशेषज्ञों और नीति विश्लेषकों का मानना है कि:
“सरकार का यह निर्णय सामरिक, रणनीतिक और सामाजिक रूप से बेहद आवश्यक है। यदि मॉनसून में भी अभियान जारी रहा तो नक्सलियों की गतिविधियों को गंभीर झटका लग सकता है।”
📅 भविष्य की योजनाएं
- नक्सल प्रभावित हर जिले में एकीकृत कमांड सेंटर स्थापित करने की योजना।
- स्कूल-कॉलेजों में देशभक्ति और विकास पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन।
- महिलाओं और आदिवासी समुदायों को स्वरोजगार से जोड़ने वाली विशेष योजनाएं लागू होंगी।