IAS Ankita Kanti ने UPSC 2024 में 137वीं रैंक हासिल की। एक सुरक्षा गार्ड की बेटी होते हुए उन्होंने बिना कोचिंग सिर्फ आत्मविश्वास और मेहनत से UPSC क्रैक किया। पढ़ें उनकी पूरी प्रेरणादायक कहानी।
परिचय
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हर साल लाखों उम्मीदवार IAS, IPS और IFS बनने का सपना लेकर इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन कामयाबी केवल कुछ ही को मिलती है। ऐसे में जब कोई अभ्यर्थी विपरीत परिस्थितियों को पार कर यह परीक्षा पास करता है, तो वह न सिर्फ समाज के लिए प्रेरणा बनता है बल्कि वह यह भी साबित करता है कि मेहनत और लगन के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
ऐसी ही एक मिसाल हैं IAS Ankita Kanti, जिन्होंने UPSC CSE 2024 में All India Rank 137 हासिल कर देशभर के युवाओं को प्रेरित किया है।
IAS Ankita Kanti की पृष्ठभूमि
- गांव: चमोली जिले का चिरखुन गांव (उत्तराखंड)
- वर्तमान निवास: हरभज्जवाला, देहरादून
- पिता: देवेश्वर कांती – एक प्राइवेट बैंक में सुरक्षा गार्ड
- माता: ऊषा देवी – गृहिणी
- बहनें: अंजली (बैंकिंग परीक्षा पास), अनुशका (प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी)
Ankita का जीवन बेहद सामान्य परिवार में बीता। उनके पिता एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं और परिवार की आय सीमित थी। लेकिन इस कठिन आर्थिक परिस्थिति ने कभी भी अंकिता की पढ़ाई और आत्मविश्वास को कमजोर नहीं किया।
शैक्षणिक यात्रा
- 10वीं कक्षा: डून मॉडर्न स्कूल, 92.4% अंक, उत्तराखंड राज्य में 22वीं रैंक
- 12वीं कक्षा: संजय पब्लिक स्कूल, 96.4% अंक, उत्तराखंड में 4वीं रैंक
- स्नातक (B.Sc.): डीबीएस कॉलेज, देहरादून
- परास्नातक (M.Sc. Physics): डीएवी कॉलेज, देहरादून
यह स्पष्ट है कि Ankita शुरू से ही एक मेधावी छात्रा रहीं। विज्ञान विषय में विशेष रुचि रखने वाली अंकिता ने उच्च शिक्षा के दौरान भी अपनी पढ़ाई में कोई समझौता नहीं किया।
UPSC परीक्षा में सफलता
- परीक्षा वर्ष: UPSC CSE 2024
- हासिल रैंक: All India Rank 137
- माध्यम: हिंदी
- इंटरव्यू भाषा: हिंदी
- पसंदीदा सेवा: Indian Foreign Service (IFS)
UPSC जैसे प्रतिष्ठित एग्जाम में Hindi Medium से इंटरव्यू देना और 137वीं रैंक लाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। जहां बहुत से छात्र English Medium को ही सफलता का रास्ता मानते हैं, वहीं Ankita ने यह भ्रम तोड़ा कि सिर्फ English medium छात्र ही टॉपर बन सकते हैं।
बिना कोचिंग की तैयारी
अंकिता ने UPSC की तैयारी बिना किसी बड़े कोचिंग संस्थान की मदद से की। उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ खुद से योजना बनाकर पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि इंटरनेट, किताबें और सेल्फ डिसिप्लिन से उन्होंने खुद को तैयार किया।
उनका कहना है:
“यदि आपके पास ठोस रणनीति और अनुशासन है, तो कोचिंग की जरूरत नहीं।”
हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए प्रेरणा
अक्सर ऐसा देखा गया है कि हिंदी माध्यम के छात्र खुद को कमजोर महसूस करते हैं। लेकिन Ankita Kanti की सफलता उन सभी छात्रों के लिए एक सशक्त संदेश है कि भाषा कोई बाधा नहीं होती। आत्मविश्वास, निरंतरता और मेहनत से किसी भी ऊंचाई तक पहुंचा जा सकता है।
Ankita Kanti के सफलता के सूत्र
- सांठ-गांठ नहीं, आत्मनिर्भरता: कोचिंग के बिना, खुद पर भरोसा रखकर UPSC पास किया।
- नियमित अध्ययन: हर दिन निर्धारित घंटे पढ़ाई करना और विषयों को गहराई से समझना।
- मॉक टेस्ट और करंट अफेयर्स: नियमित टेस्ट और अखबारों के माध्यम से करेंट अफेयर्स पर मजबूत पकड़।
- समय प्रबंधन: कॉलेज की पढ़ाई और UPSC की तैयारी के बीच संतुलन बनाए रखना।
- हिंदी में इंटरव्यू: आत्मविश्वास से अपनी बात हिंदी में रखी और चयनकर्ता प्रभावित हुए।
Ankita Kanti की प्रेरणा से क्या सीखें?
- संघर्ष ही सफलता की नींव है
- हिंदी माध्यम कोई रुकावट नहीं
- मध्यम वर्ग और सीमित संसाधन भी बाधा नहीं
- कड़ी मेहनत और आत्म-नियंत्रण सबसे बड़ा हथियार है
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. IAS Ankita Kanti की UPSC रैंक क्या है?
A. उन्होंने UPSC 2024 में All India Rank 137 हासिल की है।
Q. क्या Ankita Kanti ने कोचिंग की थी?
A. नहीं, उन्होंने बिना किसी कोचिंग के स्वयं अध्ययन कर यह सफलता हासिल की।
Q. क्या उन्होंने इंटरव्यू हिंदी में दिया था?
A. हां, उन्होंने इंटरव्यू हिंदी भाषा में दिया और वह हिंदी माध्यम की टॉपर में गिनी गईं।
Q. उनकी पसंदीदा सेवा कौन-सी है?
A. Ankita Indian Foreign Service (IFS) में शामिल होना चाहती हैं।
निष्कर्ष
IAS Ankita Kanti की सफलता कहानी हमें यह बताती है कि परिस्थितियाँ कैसी भी हों, अगर संकल्प मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। एक सामान्य परिवार की बेटी ने अपने संघर्ष, मेहनत और आत्म-विश्वास से वह कर दिखाया जो हजारों लोग सिर्फ सपना देखते हैं। उनकी सफलता हिंदी माध्यम के छात्रों, ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले युवाओं और सामान्य परिवारों के लिए एक रौशनी की किरण है।



