अमित शाह का माओवादियों को सख्त संदेश: मॉनसून में भी नहीं रुकेगा ऑपरेशन, आत्मसमर्पण ही एकमात्र विकल्प

"बारिश से भीगे घने जंगलों में तैनात सुरक्षाबलों का 3D दृश्य, आगे एक जवान बंदूक के साथ सतर्क मुद्रा में, पीछे अन्य जवानों की कतार, ऊपर निगरानी करता ड्रोन और दूर NFSU की आधुनिक इमारत।"

डॉ. अजय मिश्रा, आंतरिक सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व IPS अधिकारी कहते हैं:

“गृह मंत्री अमित शाह का यह निर्णय कि मॉनसून के दौरान भी ऑपरेशन जारी रहेंगे, रणनीतिक रूप से एक बड़ा परिवर्तन है। अब तक नक्सलियों को वर्षा ऋतु में सुरक्षित रहने का मौका मिल जाता था, लेकिन इस बार उन्हें हर मौसम में दबाव का सामना करना होगा।

इसके साथ ही फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और नई आपराधिक संहिताएं इस लड़ाई को और सशक्त बनाएंगी। जब तक हम वैज्ञानिक तरीकों और स्थानीय स्तर की समझ के साथ आगे नहीं बढ़ते, तब तक नक्सलवाद जैसी समस्या का समाधान असंभव है। यह एक बड़ी और जरूरी पहल है।”