Makar Sankranti के दिन से सूर्य देव उत्तर दिशा की ओर गमन करना शुरू कर देते हैं और देवलोक के दरवाजे खुल जाते हैं यानी देवताओं के दिन आरंभ हो जाते हैं. सूर्य के उत्तरायण होने के बाद देवताओं की शक्ति में वृद्धि होने लगती है और दिन बड़े होने लगते हैं और रातें धीरे-धीरे छोटी होने लगती हैं. सूर्य के उत्तरायण होने की खुशी में ही ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कार्य कई गुना बढ़कर फल देता है और जीवन में सुख समृद्धि लेकर आता है.
मकर संक्रांति के दिन काले तिल का दान जरूर करना चाहिए. इस दिन तिल के दान का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य देव मकर राशि में आते हैं और मकर राशि शनिदेव की राशि है. सूर्य और शनि पिता व पुत्र होने के बावजूद शत्रुता का भाव रखते हैं, लेकिन सूर्य का शनि के घर आकर रहना प्रेम का प्रतीक है. ऐसे में इस दिन शनि से जुड़ी चीजोंं का दान किया जाता है और प्रसाद वगैरह लगाया जाता है. काले तिल का संबन्ध शनि से है. इसलिए जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें और काले तिल का दान जरूर करें. इससे शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और कई तरह के दोष दूर होते हैं.